आर्य समाज हिम्मतपुर काकामई का संक्षिप्त इतिहास

 

आर्यसमाज की स्थापना सन् 1875 में मुंबई के काकडवाणी में युग प्रवर्तक, प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रणेता, वेदोद्धारक महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने की थी | इस समाज का मुख्य उद्देश्य लोगों में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत करना, वेदों का प्रचार करना, समाज में व्याप्त अनेक कुरीतियों, अन्धविश्वास, पाखण्ड, ढोंग-आडम्बर आदि को समाप्त करना था | इसका समाज में सकारात्मक प्रभाव भी हुआ | समाज में व्याप्त कुरीति सतीप्रथा पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा | आर्य समाज के आन्दोलन के कारण ही स्त्री-शिक्षा, विधवा विवाह आदि को लोगों ने समझा और अपनाया |

  • इसी कड़ी को आगे बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश प्रान्त में जनपद एटा के ग्राम हिम्मतपुर काकामई में कुछ प्रबुद्ध नागरिकों सर्व श्री आचार्य प्रेमपाल शास्त्री जी, श्री रामचंद्र जी (प्रधान), श्री राजवीर सिंह जी ‘कवी’, श्री वासुदेव जी आदि लोगों ने मिलकर जून 1984 में आर्य समाज हिम्मतपुर काकामई की स्थापना करने के लिए वेद प्रचार का कार्यक्रम किया | जिसमे आर्य युवा विद्वान सन्यासी व तत्कालीन रोहतक हरियाणा से सांसद स्वामी इन्द्रवेश जी, पूर्व गन्ना मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार स्वामी ओमवेश जी का सान्निध्य प्राप्त हुआ | कार्यक्रम में मुख्य रूप से आर्य विद्वानों में सार्वदेशिक आर्य युवक परिषद् के तत्कालीन प्रधान एडवोकेट जगवीर सिंह जी (स्वामी आर्यवेश जी), आर्ष गुरुकुल यज्ञतीर्थ एटा के प्राचार्य डॉ. आचार्य वागीश जी, आचार्य रामस्वरूप जी ने अपन मार्गदर्शन दिया | वहीं मुख्यतिथि के रूप में तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी एटा ने भी अपनी उपस्थिति दी | इसी के साथ आर्य समाज ग्राम हिम्मतपुर काकामई आसपास के क्षेत्र में अनेक सामाजिक कार्य, पारिवारिक व सामुहिक यज्ञ, खेल कूद प्रतियोगिताएं कराता रहा है | यह आर्य समाज बिना भवन के ही अपने कार्य क्षेत्र में निरंतर प्रगति करता रहा है |
  • 10 जून 2016 को ग्राम हिम्मतपुर काकामई के पूर्व प्रधान श्री रामचंद्र जी ने “वैदिक महायज्ञ व आर्य सम्मेलन” का आयोजन किया जिसमे वैदिक विद्वान आर्य पुरोहित सभा दिल्ली प्रदेश के प्रधान आचार्य प्रेमपाल शास्त्री जी, आर्ष गुरुकुल एटा के अधिष्ठाता आचार्य देवराज शास्त्री जी, स्वामी लक्ष्मणानन्द जी, आचार्य जयप्रकाश शास्त्री जी आदि विद्वानों ने आर्य जनों का मार्गदर्शन किया | कार्यक्रम में “ओ३म्” की पावन ध्वजा का आरोहण आर्य युवा सामाजिक कार्यकर्ता श्री मेधाव्रत शास्त्री जी ने किया | इसी कार्यक्रम में आचार्य देवराज शास्त्री जी ने मांग रखी कि इस गाँव में लगभग 32 साल से आर्य समाज की गतिविधियां सुचारू रूप से चल रहीं हैं परन्तु उसके लिए कोई स्थाई भवन नहीं है | इसकी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए | उसी क्षण कार्यक्रम के संयोजक श्री रामचंद्र जी ‘प्रधान जी ‘ के बड़े सुपुत्र श्री ज्ञानवीर सिंह जी व उनके भतीजे श्री रामवीर सिंह जी ने आचार्य जी की मांग को स्वीकार करते हुए अपनी जमीन देने का निर्णय कर घोषणा कर दी | जिसका समस्त आर्य जनों ने बड़ी ही गर्म जोशी से स्वागत किया |
  • इसके पश्चात् ग्राम हिम्मतपुर काकामई में आर्य समाज की स्थापना वैधानिक रूप से की गई है | जिसकी समस्त क़ानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए एक समिति का गठन किया गया एवं उसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पंजीकृत कराया गया है| भवन निर्माण की समुचित व्यवस्था की गयी है | अभी यह आर्य समाज निर्माणाधीन है |

प्रचार-प्रसार कार्यक्रम:  
  • दिनांक 20 जून 2019 से दो दिवसीय वेद प्रचार कार्यक्रम ग्राम हिम्मतपुर काकामई में किया गया,
  • 29 अप्रैल 2020 को लॉकडाउन काल में ट्रैक्टर ट्रोली में यज्ञवेदी को रखकर आस पास के गांवों में यज्ञ कराया गया जिसमें सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखा गया|
  • वैश्विक महामारी कोरोना के काल में सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के आह्वान पर विश्व भर में आर्यों ने दिनांक 3 मई 2020 को यज्ञ किया गया जिसमें आर्य समाज हिम्मतपुर काकामई, एटा ने भी सहभागिता की|
  • 21 जून 2020 विश्व योग दिवस पर आर्य समाज हिम्मतपुर काकामई, एटा में योग शिविर का आयोजन किया गया जिसमें अनेक युवाओं ने भाग लिया जिसे समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया|
  • वैश्विक महामारी कोरोना के काल में सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार के कार्यक्रम अनवरत चल रहे हैं जिसमें आर्य समाज के अनेक सन्यासी एवं विद्वानों के प्रवचनों का लाभ प्राप्त हो रहा है|
  • इस प्रकार के प्रचार-प्रसार के कार्यक्रमों की श्रंखला अनवरत जारी है |

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